Elephant (हांथी)

Elephant (हांथी)

हांथी धरती पर पाए जाने वाला सबसे विशालकाय जीव है, हांथी के दाँत उसके जीवन के दौरान बढ़ते ही रहते है, अफ्रीकन  हांथी के 4दाँत होते है जबकि भारतीय हांथी के सिर्फ दो !हांथी अपने पैरों का उपयोग सुनने के लिए भी करते है, जब ये ज़मीन पर चलते है तो एक विशेष प्रकार का कंपन होता है, इस कंपन से ये दूसरे हाँथियो के बारे मे जान जाते है !हांथी जिसकी भी आवाज सुनते है, उसकी नक़ल कर सकते है !


Wildlife in india
Elephants child 

एक हांथी का जीवन 
एक हांथी की उम्र लगभग  50से 70 वर्ष तक होती है, जन्म के समय से ही  हांथी के बच्चे का भार लगभग 100 किलो. तक होता है!
इतिहास के सबसे छोटे हांथी यूनान मे पाए जाते है, जो अब लुप्त हो चुके है, इनका आकार इतना छोटा होता था, जैसे की गाय का बछड़ा, जैसे एक सूअर !अगर हांथी को चींटी, मक्छर व मक्खी काट ले तो भी घाव हो जाता है, वैसे तो हांथी की चमड़ी लगभग एक इंच मोटी होती है पर त्वचा बहुत ही संवेदनशील !
हांथी बुद्धिमता के प्रतीक माने जाते है, हांथी की बुद्धिमानी डाल्फिन तथा  वनमानुष की तरह मानी गयी  है एक हथनी का गर्भ 22 महीने का होता है जो  धरती पर पाए जाने वाले जीवों मे सबसे ज्यादा होता है, 


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Elephant
हांथी की सूंढ़ मे अगर चींटी काट ले तो वह मरने की कगार तक पहुँच जाते है, इसीलिए वो चलते वक़्त अपनी सूंढ़ से हवा फूंकते हुए चलते है!
भारतीय हांथी, एलीफास  मैक्सिमस  इंडिकस, एशियाई हांथी की चार उपजातियों मे से एक है, ये भारत में सर्वाधिक मे पाए जाते है !
एशियाई हांथी को लम्बी उम्र का साथी माना जाता है एक एशियाई हांथी की अनुमानित उम्र लगभग 86 साल होती है, 
पुराने समय से ही हाँथियो को  पालतू माना  गया है, तथा इनका उपयोग विभिन्न तरीकों से किया जाता है, प्राचीन भारत मे इनको  घोड़ो की तरह सेना मे प्रयोग किया जाता था !इनको धार्मिक जुलूसों मे भी इस्तेमाल किया जाता है !
जंगली हाँथियो को देखने के लिए विदेशी पर्यटक  उन जगहों मे सबसे ज्यादा आते है जहाँ इन्हे देखने की सबसे ज्यादा संभावना होती है, इससे राज्य की आमदनी भी होती है लेकिन ऎसी जगह काफ़ी खतरनाक होती है क्यूंकि जंगली हांथी  काफ़ी खतरनाक तथा आक्रामक  होते है, और मनुष्य की मौजूदगी मे काफी भगदड़ मचाते है और ये फसलों को बहत  मात्रा मे बर्बाद कर देतें है !तथा जंगल के गांव के पास होने की स्थित मे गांव वालों को इनसे ज्यादा खतरा होता है !


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हांथी की शरीरिक बनावट :-

भारतीय हांथी लगभग  2मंजिला ऊँचा, मतलब की लगभग 20 से 22फिट ऊँचा हो सकता है, भारतीय हांथी अफ़्रीकी हांथी जैसे ही दिखतें है, लेकिन उनके कान और दाँत काफ़ी हद तक  छोटे होते है !भारतीय हांथी अफ्रीका की ही उपजाति है, इनमें कुछ ज्यादा फर्क नहीं पाया जाता है, भारतीय हंथियो का माथा  चौड़ा होता है, तथा मादा हाथियों के दांत नहीं पाए जाते है  और नर- मादा से ज्यादा बड़े होते है, इनके पंजे बड़े और चौड़े होते है, तथा सूंढ़ अफ्रीकन हांथी से बड़ी होती है, पैर के नाखून ज्यादा बड़े नहीं होते, और दूसरी तरफ अफ्रीकन हांथी का सर के अनुपात मे पेट काफ़ी बड़ा होता है !


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African elephant

रहन-सहन का तरीका :--

भारतीय हांथी  झाड़ीदार जंगलों के पास रहते है, पर ये  सिर्फ ये झाड़ीदार जंगलों मे ही नहीं इसके अतिरिक्त ये किसी के घर पर पालन हेतु, पार्क  तथा और भी जगह पाए जाते है, ये पालन हेतु भी प्रयोग मे आते हैं !ये अपने स्वभाव के कारण एक जगह पर ज्यादा देर तक नहीं रह पाते अतः इनका बसेरा इसीलिए स्थायी नहीं कहा गाया हैं, अतः ये जंगल मे  रह सकते है पर खुले स्थान तथा घास वाले मैदान मे रहना भी पसंद करते हैं !
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हांथी से जुडी कुछ और मज़ेदार बातें :-

हांथी एक ऐसा एकलौता जानवर है जो कूद नहीं  सकता! रेलवे ट्रेन की शुरुवात के समय इनके डिब्बों को ढकेलने ,डिब्बों को  उठाने व माल धोनें के लिए  इनका प्रयोग किया जाता था!आज के समय की तरह  उस समय क्रेन नहीं थे, इसीलिए हांथियों का इस्तेमाल किया जाता था !
लगभग वर्ष 1963 में बड़ौदा में  रेल को खींचने, से  लेकर माल धोने तक  इनको प्रयोग में  लाते थे !हांथी , पानी की पहचान लगभग 5किलोमीटर से ही पहचान लेते है, हांथी की एक आवश्यक बात ये की हांथी  हर  मिनट में सिर्फ 2 से 3 बार ही सांस लेते व छोड़ते है ! शेर को भले ही जंगल का राजा कहा जाता है पर वो कभी हांथी व  गैंडे  से कभी नहीं लड़ना चाहता है !हांथी  लगभग 12-13 साल में व्यस्क हो जातें है  जिस तरह हर  पुरुष की आवाज अलग अलग होती है, ठीक उसी तरह प्रत्येक हांथी की  आवाज भी भिन्न होती है !


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African elephants

हांथी को  सफाई बेहद पसंद होती है ये  हर रोज नहाना  पसंद करते है, हांथी की  आँखों की रौशनी बहुत कम होती है, इसकी जगह वो अपनी सूंढ़ का इस्तेमाल करते है, हांथी अपनी सूंढ़ से फर्श  पर गिरा हुआ एक सिक्का तक  उठा सकता है हांथी  चलते  समय अपनी सूंढ़ से हवा फूँक फूँक कर चलता है जो वापस ज़मीन से टकराकर वापस आती है, तथा जिससे उसको उसके आगे के रास्ते का अनुमान होता जाता है, एक हांथी एक बार में अपनी  सूंढ़ से 8से 9 लीटर  पानी भर  सकता है, जो सूंढ़ लगभग 300किलो. तक का भार उठा सकती है !हांथी कभी भी आपस मे नहीं लड़ते, बल्कि जब कोई हांथी मर जाता है तो  अजीबो गरीब तरह से गरज़ते है !
हांथी दिन के 16 घंटे सिर्फ खाने में ही बिता देते है, और लगभग 120 किलो तक  भोजन खा जाते है, तथा इसका सिर्फ 35प्रतिशत ही पचा पाते है !हांथी 6किमी. प्रति घंटे की रफ़्तार से चलते है, और एक विशेष बात ये है की ये खड़े रहकर  ही सो जाते हैं !
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