Lion the king of forest

Lion the king of forest
शेर -जंगल का राजा 
Wildlife in india
 Lion -king of forest
शेर दर्शन 
शेर, 
जंगल  का राजा, और भारत  का राष्ट्रीय  पशु  के नाम से जाना जाता है, जिसकी एक दहाड़ से पूरा का पूरा जंगल काँप उठता है, शेर जंगल का राजा होते हुए भी  मैदानों तथा घास वाले मैदानों में रहता है !


भारत में इस समय शेरों की संख्या 2400 से से ज्यादा है जो दुनिया में सबसे ज्यादा है | शेरों के झुण्ड में अधिकतर शेरनी शिकार करती है | 
शेरनी सुबह से लेकर शाम तक शिकार करती है | जबकि शेर अपने झुण्ड और अपने इलाके की रक्षा करता है |


Wild-life in india
lion king of forest  

शिकार करने का तरीका  :-
अधिकतर शेर सवाना या घास के मैदान में रहते हैं | पहले शेर एशिया, अफ्रीका और यूरोप में भी मिल जाते थे | लेकिन बढ़ते शिकार और दूसरे बहुत से कारणों की वजह से अब केवल अफ्रीका में ही शेर रह गए हैं | 
जबकि एशिया में भारत में गिर नेशनल पार्क में भी शेर मिलते हैं जहाँ उनका संरक्षण किया जाता है |
:-शेर अधिकतर बड़े जानवर जैसे की ज़ेबरा और हिरण का शिकार करते हैं | भूख ज्यादा होने पर वो हाथियों पर हमला करने से भी नहीं चूकते |शेर जब चलता है तो शेर की एड़ी जमीन को नहीं छूती |झुण्ड में रहने वाले शेर एक दूसरे का पता दहाड़ की मदद से लगाते हैं |


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शेर -जंगल का राजा

शेर, को बब्बर शेर भी कहा जाता है, शेर का वजन लगभग 190किमी. तथा शेरनी का वजन 130किमी. होता है ! शेर की दहाड़ बहुत दूर तक लगभग 7-8किमी. तक सुनाई देती है, शेर की उम्र लगभग 18-20वर्ष तक मानी गई है, शेर, लगभग, पांच से छः मिलकर हांथी का शिकार करते है !
शेर को तैरना बेहद पसंद होता है, शेर नील गाय, तथा  हिरण का  शिकार करने में बहुत रूचि दिखतें है !
शेर जब दो साल के होते है तो शिकार  करने लगते है, 
शेर अपना ज्यादातर समय लगभग सोकर गुजरता है, 
शेर लगभग 20 घंटे सोता है...... 
शेर  लगभग 50 किलोमीटर की रफ़्तार से दौड  सकता है!
शेर का काम सिर्फ परिवार की रक्षा करना होता है, शिकार तो  शेरनियां करती है !
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शुतुरमुर्ग...बनाम  शेर.... 

शुतुरमुर्ग  की एक लात शेर को भी मार सकती है, 
एक शेरनी एक दिन मे पाँच किलो तथा एक शेर एक  दिन मे 7 किलो से भी ज्यादा मीट खा सकता है !
सिर्फ  हाथियो को छोड़कर ये किसी से भी नही डरते इसीलिए, 
हर कोई खुद को शेर कहलाना ही पसंद करता है। समय के साथ शिकार व जंगल धीरे-धीरे ख़त्म होने की वजह से इनका अस्तित्व खतरे मे आ चुका है। 
जहां एक समय  शेरो की संख्या  चार लाख से ऊपर थी , तो आज वे  सिर्फ 32,000 होकर ही रह गए है। 
अगर बात करे आज से  10,0000 साल पहले की तो ये इंसानों के बाद दूसरी ऐसे स्तनधारी जीव थे जो धरती पर ज्यादा मात्रा मे पाए जाते थे। 
वर्तमान की बात करे तो इनकी संख्या उप सहारा अफ्रीका और एशिया के कुछ भागो तक ही सीमित रह गई है।

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