Sarus Crane in india (सारस क्रेन)

Sarus Crane  (सारस क्रेन  )

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सारस धरती  पर  पाया  जाने  वाला  एक  बहुत  ही सुन्दर  पंछी  है, तथा सिर्फ और  सिर्फ  भारत  देश  में  पाया  जाने  वाला  पंछी है इनका  वर्णन  वेद  पुराणों  में  किया  गया  है  सारस  को प्रेम  और समर्पण  का  प्रतीक  भी  माना  गया  है , सारस  के  सम्बन्ध  में  बहुत  सी बातों  को  कहा  गया  है,  आइये जानते  है  इनकी  जीवन  शैली !



         सारस  जब  ये  ज़मीन  पर  खड़े  होते  हैं  तो  इनकी  लम्बाई  लगभग 5-6 फिट  होती  है, इनकी ऐसी  सिर्फ  एक  ही  नहीं  ऐसी  बहुत  सारी  विषेशताएं  भी  होती  हैं 
सारस के  शरीर  का  गठन -शारीरिक  बनावट में  तो  काफ़ी  विशेषतये  हैं  इनमें  भी  कुछ  प्रमुख  विशेषता  हैं  जैसे  की  सारस  पंछी जब  उड़ते  हैं तब इनके  पंखो  का  फैलाव , 250 सेमी.  तक  होता  हैं, इनका  वजन  लगभग  6.35 से  6.40 होता  हैं, इनमें  पुरुष  तथा  मादा  में  कुछ  ज्यादा  अंतर  नहीं  पाया  जाता ,  मादा , पुरुष  के  मामले  में  बहुत  हल्की  छोटी  होती  हैं  तथा बस  ऐसी  से इनकी  पहचान  होती  है ! मादा  सारस एक  बार  में  2-5 अंडे  देती  है, बरसात  के  मौसम  में  इनका  नृत्य  बहुत  ही  लुभावना  होता  है !!


सारस  प्यार  का  प्रतीक  होता  है , सारस  के  प्रेम  के  बारे  में  बहुत  से  कथाएं  भी  प्रचलित  है  सारस  को  प्रेम  और  समर्पण  का प्रतीक  भी माना  जाता  है  ऐसा  कहा  गया  है की  सारस  क्रेन  अपनी  जिंदगी  में  एक  बार  जिसे  अपना  साथी  बना  लेता  है  उसी  के  साथ  अपनी  पूरी  उम्र  गुज़ार  देता  है, या  यूँ  कह  सकते  है  की  उसके  साथ  पूरी  उम्र  भर  रहता  है,  अगर  किसी  कारण किसी  साथी  की  मृत्यु  हो  जाती  है तो  जिंदगी  भर  वो  किसी  दुसरे  को  अपना  साथी  स्वीकार  नहीं  करते है, अपने  साथी  के  वियोग  में  ज्यादा  दिनों  तक  जीवित  नहीं  रह  पाते , वियोग  में  ये  अपना  भोजन , खाना पानी  छोड़  देता  है, जिसके  कारण  इनकी  मृत्यु  हो  जाती  है, ऐसा  कहा जाता  है  की  जब  पुरुष  सारस  ऊपर  की  तरफ  अपनी  चोंच  उठाकर  एक  लम्बी  और  गूंजती  हुई  आवाज  निकलता  है  तब  मादा  सारस  उसे  अपने  छोटे  छोटे  शब्दों  में  उत्तर  देती है! सारस की  इन  आवाजों  को  बहुत  दूर  से  लगभग  2-3 किमी.  दूर  से  ही  सुना  जा सकता है !
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भारत  के  लिये  बहुत  ख़ुशी  की  बात  है  की सारस  भारत  में  ही  पाए  जाते  है  और  ये  उत्तरप्रदेश  का  राजकीय  पंछी  भी माना  गया  है  पहले  ये  भारत  के  अलावा  और भी  राज्य  में  भी  पाए  जाते  थे  परन्तु  अब  ये  सिर्फ  भारत  में  ही  पाए  जाते  है  ये  भारत  में  सर्वाधिक  उत्तरप्रदेश  में  तथा गुजरात , मध्यप्रदेश,  राजस्थान  तथा  उत्तर महाराष्ट्र   में  सर्वाधिक  संख्या  में  पाए  जाते  है  हरियाणा  तथा  जम्मू कश्मीर  में  इनको  बहुत  कम  देखा  जाता  है  सारस  हमेशा  से  ही  अपने  2-5 सरसों  के  झुंड  में  ही  रहते  है  था  सभी  के  प्रति  बहुत  ईमानदार  होते  है  ये  हमेशा  दलदल  वाली  जगहों  पर  ही रहना  पसंद  करते  है  और  वहीं  पर अपना घोंसला  भी बनाते  है  दुसरे  शब्दों  में  कह  सकते  है  की  सारस  अपने  झुंड  के  साथ  दलदल  की  जगह  पर  अपना  घोंसला  बनाकर  रहते  है !


प्रशन्न मुद्रा में सारस क्रेन 
सारस , बहुत  ही  शांतिप्रिय  पंछी  होता  है  ये  प्रेम  के  प्रतीक  भी  माने  जाते  है  ! सारसों  का  इतिहास  बहुत  पुराना है  पुराने  धर्म  ग्रंथो  में  भी  इनका  वर्णन  पाया  गया  है !

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